यह तिब्बत में पारंपरिक मुख्य भोजन है, जैसे दक्षिण-पूर्व चीन में चावल या उत्तरी चीन में गेहूं। तिब्बती भोजन और संस्कृति में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। इस प्रकार 1959 में, भारत में प्रकाशित समाचार पत्र मिरोइर डु तिब्बत में प्रतिरोध का आह्वान छपा, जो "सभी खाने वालों..." को संबोधित था।
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