ग्रैंडिर: क्रिया (ग्रैंड से शब्द)।
क्रिया "बढ़ने" के कई अर्थ हैं:
मैं) अकर्मक क्रिया:
1. बड़ा बनो।
वह पाँच सेंटीमीटर बढ़ा।
वह कैसे बढ़ी है!
विशेषण भूत कृदंत: मैंने उसे बड़ा पाया।
पौधा जो बढ़ता है (बढ़ता है, विकसित होता है, बढ़ता है)।
लाक्षणिक अर्थ: (लोग) ज्ञान में बढ़ने के लिए, सद्गुण में: समझदार, अधिक गुणी बनने के लिए।
फ्रांसीसी लेखक और कवि विक्टर ह्यूगो (1802-1885) का उद्धरण: "जैसे सूर्यास्त के समय छाया बढ़ती है...
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