एसिटिक स्टिंग: लोकट। रेड वाइन बनाने में अंगूर के जरूरी और ठोस कणों को किण्वन टैंक में डाला जाता है। कार्बन डाइऑक्साइड का विकास खाल, बीज और तनों से बनी "टोपी" को सतह पर धकेलता है।
टोपी हवा के संपर्क में नहीं रह सकती है, अन्यथा "एसिटिक बाइट" होगा: वाइन टर्निंग विनेगर।
इसलिए ठोस द्रव्यमान को तरल में दिन में कई बार हिलाया और दबाया जाना चाहिए, जिससे...
सुप्रभात,
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