साँस : क्रिया (लैटिन से शब्द साँस).
क्रिया "आह" के कई अर्थ हैं:
1. अकर्मक क्रिया : धक्का un विलाप, की विलाप.
- फ्रांसीसी उपन्यासकार हेनरी बोस्को (1888-1976) का उद्धरण: "एक पड़ाव जहां मैं खा सकता हूं, पी सकता हूं, आराम से सांस ले सकता हूं"।
ऊब की, निराशा की आह।
कहावत: कोयूर जो आह भरता है, उसके पास वह नहीं है जो उसके पास है उसका इंतज़ार.
धक्का विलाप प्रेमीहोना है प्रेमी.
एक के लिए आह रंगीली.
वृद्ध का अर्थ: किसी चीज़ की लालसा: चूसना कुछ।
- फ्रांसीसी नाटककार और अभिनेता मोलिएरे (1622-1673) का उद्धरण: "यह खुशी नहीं है जिसके बाद मैं आह भरता हूँ"।
काव्यशास्त्र: लोगों को सुनाना मीठा बेटों, फुसफुसाना.
- फ्रांसीसी कवि अल्फोंस डी लैमार्टिन (1790-1869) का उद्धरण: "केवल कराहती हवा, आह भरती रीड"।
2. सकर्मक क्रिया: शोकगीत विधा में गाना।
- फ्रांसीसी कवि पॉल वेरलाइन (1844-1896) का उद्धरण: "वे छंद जो मैं तुम्हारे लिए आह भरता हूं"।
सामान्य अर्थ : आह भर कर कहना।
- फ्रांसीसी लेखक गुस्ताव फ्लेबर्ट (1821-1880) का उद्धरण: "उसने आह भरते हुए कहा: - जो सबसे अधिक खेदजनक है वह है मेरी तरह, एक बेकार अस्तित्व को बाहर निकालना"।