चिली के लेखक लुइस सिपुलेवेडा (1949-2020) का उद्धरण: “निवासियों को बंदर का मांस पसंद नहीं था। उन्हें यह समझ में नहीं आया कि इस सख्त, रेशेदार मांस में सूअर या तैरती घास खाने वाली गायों के मांस की तुलना में बहुत अधिक प्रोटीन था, जो सिर्फ पानी था और इसमें कोई प्रोटीन नहीं था...
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